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Brother Jagdish Bhai’s Memorial Day and Mother’s Day.

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पानीपत के ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर के दादी चंद्रमणी यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में भ्राता जगदीश भाई की  स्मृति  दिवस पर गीता पाठशालाओं का वार्षिक कार्यक्रम  का आयोजन किया गया  जिसमें पानीपत सर्कल की लगभग 150  से अधिक गीता  पाठशालाओं  चलाने के निमित्त भाई बहनों को बाबा के घर से ईश्वरीय सौगात दी गयी।  इस कार्यक्रम में  लगभग 1000 से अधिक भाई बहनों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए राजयोगिनी प्रभा दीदी,  पीतमपुरा,  दिल्ली से पधारे उनके साथ-साथ बी.के.  मंजू बहन जहाँगीर,  सेवा केंद्र, इंचार्ज भी पहुंची।

भ्राता जगदीश भाई के स्मृति दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए राजयोगिनी प्रभा दीदी जी ने उनके अंग संग के अनुभव सुनाए कि किस तरह से भ्राता  जगदीश भाई यज्ञ के बहुत बड़े पिलर थे।  उनके मन में एक दूसरे के लिए बहुत भावनाएं थी किस तरह से भगवान ने उनको अपना  बनाकर बेहद सेवा के निमित्त बनाया। हमारा बहुत बड़ा  भाग्य है कि हमें भ्राता जगदीश के  अंग संग रहने का मौका मिला ।

भ्राता भारत भूषण भाई जी ने भी भ्राता जगदीश जी को  श्रद्धा के पुष्प  अर्पित करते हुए उनके अंग संग के अनुभव सुनाए कि जगदीश भाई बहुत बड़ी अथॉरिटी थे दधीचि ऋषि मिशल भ्राता जी ने अपनी हड्डी – हड्डी इस ईश्वरीय यज्ञ में स्वाह कर दी ।  मुझे आगे बढ़ाने में भाई  जी का बहुत बड़ा हाथ है।  भ्राता जगदीश जी ने अपनी विशाल बुद्धि  से भगवान  के कार्य  को बहुत आगे बढ़ाया।

इस मौके पर राजयोगिनी सरला दीदी जी सर्कल इंचार्ज, पानीपत  ने गीता पाठशाला चलने के निमित्त भाई बहनों को मुबारक दी। साथ साथ मदर दिवस की भी शुभकामनाएं दी कि हम सभी को जगत की माँ बनकर सभी की प्यार से पालना  करनी है। बी.के. मंजू बहन, इंचार्ज, सेवा केंद्र जहाँगीर,  दिल्ली  ने सभी को  राजयोग का अभ्यास कराया। अवसर पर मंच पर बी.के. अनीता बहन, महरौली, दिल्ली भी उपस्थित रही।  मंच का कुशल संचालन बी.के दिव्या बहन  ने किया।

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शिक्षाविद सम्मलेन में एवं 100 विशिष्ट शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।

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ब्रह्माकुमारीज़ ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में  राष्ट्रीय शिक्षक दिवस  के उपलक्ष्य में  शिक्षाविद सम्मलेन का आयोजन किया गया । इस सम्मलेन में पानीपत के सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के लगभग 1100 से अधिक टीचर्स ने भाग लिया।
इस सम्मलेन की शोभा बढ़ाने क्र लिए मुख्य रूप से  भ्राता श्री रणबीर गंगवा लोक निर्माण विभाग मंत्री,  हरियाणा सरकार,  श्री राकेश बुरा,  जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत,  बीके सुमन दीदी, नेशनल कोऑर्डिनेटर, एजुकेशन विंग, हरपाल ढांडा प्रसिद्ध समाजसेवी,  भ्राता सतबीर वर्मा, पूर्व चेयरमैन,  एवं खंड  शिक्षा अधिकारी, पानीपत भी पधारें। राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी एवं सभी मंचासीन ने मिलकर दीप  प्रज्वलित कर विधिवत तरीके से इस सम्मेलन का शुभारंभ किया।

             कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं और उनके बिना समाज की प्रगति अधूरी है। अगर अध्यापक चरित्रवान है तो उसके विद्यार्थी भी चरित्रवान और महान बनते हैं। आज मुझे बहुत ख़ुशी है ब्रह्माकुमारीज़ के और से  चरित्रवान और महान अध्यापकों का सम्मान किया जा रहा है।

कार्यक्रम में बीके सुमन दीदी, नेशनल कोऑर्डिनेटर, एजुकेशन विंग ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि शिक्षा केवल जानकारी नहीं, बल्कि जीवन को मूल्यनिष्ठ और उज्ज्वल बनाने का माध्यम है। शिक्षक ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की धुरी हैं। इसलिए हमें मूल्यवान  बनकर  बच्चों को भी मूल्यवान बनाना है।

राकेश बुरा, जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन की दिशा बदल सकता है और उनके अंदर मानवीय मूल्य विकसित कर सकता है।

बीके भारत भूषण, निदेशक, ज्ञान मानसरोवर,  पानीपत,  ने कहा कि आज के समय में शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं बल्कि चरित्र निर्माण होना चाहिए। निस्वार्थ भाव, एकाग्रता, शांत, ढृढ़ता, धैर्यता आदि जैसे गुणों से सम्पन होना चाहिए ।  एक अध्यापक अनेक गुणों से सम्पन  होता तभी वह समाज के नवनिर्माण में अहम् भूमिका निभा सकता है।

राजयोगिनी सरला दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि जब शिक्षा आध्यात्मिकता से जुड़ती है तो वह जीवन में शांति और समृद्धि लाती है। इसलिए हमें आध्यात्मिकता से जुड़ना चाहिए। इस अवसर स्वामी संत त्यागी, कटनी ने सभी अध्यापकों को अपने शुभकामनाओं द्वारा आशीर्वचन भी दिए एवं इस कार्यक्रम का    शंखनाथ करके इस सम्मलेन शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में 100 से अधिक विशिष्ट अध्यापकों को श्री रणबीर गंगवा, लोक निर्माण विभाग मंत्री,  हरियाणा सरकार, राजयोगिनी सरला दीदी जी एवं भ्राता भारत भूषण जी के कर कमलों से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं  ईश्वरीय सौगात भी दी गयी। तत पश्चात सभी ने ब्रह्मा भोजन भी स्वीकार किया। मंच का संचालन बीके ज्योति बहन ने किया। भ्राता अविनाश गायक, नागपुर ने अपनी सुरीली आवाज से सभी अध्यापकों का स्वागत किया साथ साथ स्वामी गुरु ब्रह्मानंद के स्कूल के बच्चों  ने अपने नृत्य से माननीय  मंत्री एवं सभी अध्यापकों का स्वागत किया।

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विराट संत सम्मेलन Grand Sant Sammelan

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पानीपत ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में  विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।   इस संत सम्मेलन का विषय रखा गया “मनजीते  जगजीत”  इस संत सम्मेलन की शोभा बढ़ाने के लिए   मुख्य रूप से मुख्यालय माउंट आबू से आदरणीया वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू दीदी जी वाइस चेयरपर्सन , एजुकेशन विंग, राजयोगी बीके रामनाथ भाई जी  मुख्यालय कोऑर्डिनेटर धार्मिक विभाग पधारे।  इस विराट संत सम्मलेन में  विभिन्न स्थानों से अनेकानेक महामंडलेश्वरों एवं संतों ने भाग लिया। आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी (सहारनपुर), महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी (पटौदी), गोस्वामी सुशील जी महाराज (दिल्ली),  महामंडलेश्वर स्वामी सुरेंद्र शर्मा जी, बुलंदशहर, आचार्य शेष नारायण जी, सोनीपत,  ज्ञान मानसरोवर निर्देशक बी.के. भारत भूषण, पानीपत सर्किल इंचार्ज राजयोगिनी सरला दीदी आदि उपस्थित रहे। इस संत सम्मेलन में पानीपत जिले के सभी मंदिरों के पुजारियों ने भी भाग लिया।

सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी बहनों ने मंच पर उपस्थित सभी महानुभावों का बैज एवं गुलदस्ते के द्वारा स्वागत किया। तत्पश्चात ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण व सर्किल इंचार्ज बीके सरला बहन जी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का सभी पूज्य संत जनों द्वारा दीप प्रज्वलन से शुभारंभ किया गया। इस संत सम्मेलन में 1000 से अधिक भाई बहनों ने भाग लिया।

आदरणीया  वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू दीदी जी ने अपनी  शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मनजीते बनने का अर्थ यह नहीं है कि मन को मारना अपितु मन को सुमन बनाकर अमन करना है और यह मन सुमन तब होगा जब इसमें सूंदर सूंदर विचार होंगे। मन को 1 सेकंड में वश में किया जा सकता है और इसकी सहज विधि है राजयोग। राजयोग  के माध्यम के द्वारा हम अपने मन को जीत सकते है।  हिंसा के बल से  किसी का मन नहीं जीता जा सकता।  लेकिन अपितु प्रेम के बल से सबको जीता जा सकता है। साथ साथ  राजयोगिनी शीलू दीदी ने सभी को राजयोग का अभ्यास भी कराया।

आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर (सहारनपुर) ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे नाज हैं मैं भारत देश का रहने वाला हैं, भले ही मैं पूरी दुनिया मे घुमा हूं, लेकिन ऐसा पवित्र स्थान कहीं नहीं देखा। भारत विश्व का महान तीर्थ स्थान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उत्थान में अध्यात्म की बहुत जरूरत है और ये ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक मिशन के रूप में अध्यात्म अर्थात आत्मा-परमात्मा  का सच्चा ज्ञान जन -जन तक पहुंचा रही है।

ब्रह्माकुमार भ्राता रामनाथ जी ने कहा कि आज साइंस ने भले ही बहुत तरक्की की है, सुख के लिए बहुत साधन बना दिए हैं, लेकिन उन साधनों में सदाकाल का सुख नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि सुख और शांति का स्रोत एक परमात्मा पिता है। उनको सदा याद करते रहें तो हम अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं।

महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कार्यक्रम में अपनी शुभ कामना देते हुए कहा कि जैसा आहार वैसा व्यवहार, जैसा पानी वैसी वाणी। आहार की शुद्धि हमारे व्यवहार से जुड़ी है। स्वम् भगवान आबू के भूमि पर आये इसलिए हमें आबू के बाबू के काबू आ जाना चाहिए ।

गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा कि केवल मंदिर जाना, गीता, रामायण आदि पढ़ना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह तो परिवर्तन का हमारा पहला कदम होता है। ये सब करने के बाद हमें ज्ञान की बातों को जीवन में धारण करना बहुत जरूरी है। ज्ञान को केवल कंठस्थ करना ही काफी नहीं है। उसको व्यवहारिक जीवन में भी लाना है।

                    बीके भारत भूषण ने आये हुए महानुभावों का शब्दों के माध्यम से अभिनन्दन व्यक्त किया और साथ ही विषय पर बोलते हुए कहा कि ईश्वरीय शक्ति द्वारा ही स्वर्णिम युग आ सकता है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा जो सेवाएं और गतिविधियां हो रही हैं ये सब ईश्वरीय कार्य चल रहा है। यह ईश्वरीय शक्ति का प्रमाण है जो लाखों भाई बहनें पवित्र जीवन व्यतीत कर रहे है।

राजयोगिनी  सरला दीदी जी  सर्कल इंचार्ज, पानीपत ने कहा कि  ब्रह्माकुमारीज़ में आने वाले 10 लाख से ज्यादा भाई-बहनें ऐसे हैं जो घर गृहस्थ में रहते पवित्र जीवन व्यतीत कर रहे हैं। साथ साथ सभी महामंडलेश्वर एवं संतो का धन्यवाद् किया। भ्राता सतीश गोयल, अध्यक्ष  वृद्ध एंड अनाथ आश्रम, पानीपत, भ्राता राधे श्याम, सदस्य  धार्मिक विभाग, चंडीगढ़ से मंच पर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में मंच का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी सुनीता बहन ने किया। नन्ही बालिकाओं ने स्वागत नृत्य और शिव महिमा नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सभी महामंडलेश्वरों एवं संतो को पुष्प मालाएं एवं दुष्याले पहनाकर और ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया।

1.   आदरणीया वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू दीदी जी वाइस चेयरपर्सन , एजुकेशन विंग, राजयोगी बीके रामनाथ भाई जी  मुख्यालय कोऑर्डिनेटर धार्मिक विभाग, आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी (सहारनपुर), महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी (पाटोदी), गोस्वामी सुशील जी महाराज (दिल्ली),  महामंडलेश्वर स्वामी सुरेंद्र शर्मा जी, बुलंदशहर, आचार्य शेष नारायण जी, सोनीपत,  ज्ञान मानसरोवर निर्देशक बी.के. भारत भूषण, पानीपत सर्किल इंचार्ज राजयोगिनी सरला दीदी, बी के सुनीता दीदी  एवं अन्य दीप प्रज्वलन कर विराट संत सम्मेलन का  शुभारंभ करते हुए।

2 विराट संत सम्मेलन में भाग लेने वाले मंच पर उपस्थित सभी पूज्य महामंडलेश्वर एवं संत जन।

3 विराट संत सम्मेलन में अपनी  अपने अनुभव युक्त विचार रखते हुए आदरणीया  वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू दीदी जी।

4 विराट संत सम्मेलन में अपनी  शुभकामनाएं देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव, (पटौदी) ।  

5  विराट संत सम्मेलन में अपनी  शुभकामनाएं देते हुए राजयोगी  भ्राता रामनाथ जी।

6 विराट संत सम्मेलन में अपनी  शुभकामनाएं देते हुए आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी (सहारनपुर)

7 . विराट संत सम्मेलन में अपनी  शुभकामनाएं देते हुए राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी।

8  विराट संत सम्मेलन में अपनी  शुभकामनाएं देते हुए गोस्वामी सुशील जी महाराज (दिल्ली),

9 विराट संत सम्मेलन में अपनी शुभकामनाएं देते हुए राजयोगिनी सरला दीदी जी।

10  विराट संत सम्मेलन में  कार्यक्रम का लाभ उठाते हुए भाई बहने।

11 भ्राता सतीश गोयल, अध्यक्ष  वृद्ध एंड अनाथ आश्रम, पानीपत को ईश्वरीय सौगात देते हुए राजयोगिनी सरला दीदी जी एवं भ्राता राम नाथ भाई जी एवं भ्राता भारत भूषण जी।
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विश्व धरा दिवस समारोह – World Earth Day Celebration

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पानीपत ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में विश्व धरा दिवस पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसका विषय रखा गया हमारा धराग्रह हमारी शक्ति । इस मौके पर डॉ. विकास, वाइस चांसलर, गीता यूनिवर्सिटी, पानीपत, भ्राता मुकेश शर्मा, सीनियर जनरल मैनेजर ,ISRL,पानीपत रिफाइनरी एवं  भ्राता हरप्रीत बरार , प्रिंसिपल, पायनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सफीदों से मुख्य रूप से पधारें। इस कार्यक्रम में 500 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया। साथ साथ पायनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 100 से अधिक शिक्षकगणों ने भी भाग लिया ।
                  डॉ. विकास ,  भ्राता मुकेश शर्मा, भ्राता हरप्रीत बरार ,भ्राता भारत भूषण जी  एवं अन्य मंचासीन ने मिलकर  दीप प्रज्वलित कर विधिवत तरीके से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया|
डॉ. विकास, वाइस चांसलर, गीता यूनिवर्सिटी,पानीपत ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम बहुत ही भाग्यशाली है जो इस स्थान पर उपस्थित होने का अवसर प्रदान हुआ और बताया की जब भी मैं यहां आता हूँ बहुत कुछ सीख कर जाता हूँ और आग्रह किया छात्र छात्राओं को कि जो भी बातें सुनाई जा रही हैं उन्हें ध्यानपूर्वक सुने एवं अपने जीवन में अवश्य धारण करें ।

भ्राता मुकेश जी ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान इस धरा को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए आये है । इसलिए सबसे पहले हमें अपने  मन को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाना है। तभी हम इस विश्व को स्वच्छ एवं स्वस्थ बना सकेंगे।

ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण भाई जी ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जैसे धरा सब कुछ सहन करते हुए भी देती है। माँ समान सब की पालना  करती है ।दाता बनकर सब को देती है । ऐसे ही हमें भी दाता बनकर सब को देना है।  साथ साथ शब्दों से सब आये हुए मेहमानों का स्वागत भी किया।
बीके ज्योति बहन, हुडा पानीपत, ने बहुत ही सुन्दर सुन्दर शिक्षाओं पर एक्टिविटी का संचालन किया जिससे छात्र छात्राओं एवं शिक्षक बहुत खुश हुए| भ्राता हरप्रीत बरार,सफीदों ने भी अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आध्यात्मिक वातावरण में आने से हमारी मन की चंचलता समाप्त हो जाती है । जिससे हमारी कर्मेन्द्रियाँ शांत हो जाती है । बीके कीर्ति बहन,सफीदों ने राजयोग मैडिटेशन कमेंटरी कराके सबको योग की गहन अनुभूति कराई |
मंच का कुशल संचालन बीके दिव्या बहन, मडलौडा एवं बीके बी.के. कुसुम बहन, सफीदों ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी मंचासीन ने गुले गुलज़ार गार्डन में पौधारोपण किया ।
1: – डॉ. विकास, भ्राता मुकेश शर्मा, भ्राता हरप्रीत बरार ,भ्राता भारत भूषण जी  एवं अन्य  दीप प्रज्वलित करते हुए|
2:  डॉ. विकास, भ्राता मुकेश शर्मा, भ्राता हरप्रीत बरार ,भ्राता भारत भूषण जी  एवं अन्य पायनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 100 से अधिक शिक्षकगण।
3: डॉ. विकास, वाइस चांसलर, गीता यूनिवर्सिटी,पानीपत अपनी शुभकामनाएं देते हुए।
4: भ्राता मुकेश जी अपनी शुभकामनाएं देते हुए।
5: ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण भाई जी  अपनी शुभकामनाएं देते हुए।
6:  कार्यक्रम में 500 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया। साथ साथ पायनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 100 से अधिक शिक्षकगणों ने भी भाग लिया ।
7: बीके भारत भूषण भाई जी ईश्वरीय सौगात प्रदान करते हुए भ्राता हरप्रीत बरार को ।
8:  डॉ. विकास, वाइस चांसलर, गीता यूनिवर्सिटी,पानीपत एवं बीके भारत भूषण भाई जी पौधारोपण करते हुए।
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