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Panipat – ज्ञान मानसरोवर ​पानीपत में 108 दिन की योग तपस्या भट्टी का शुभारम्भ- Yog Bhatthi at Panipat Gyan Mansarovar Retreat Centre

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ज्ञान मानसरोवर के तपस्या धाम में 108 दिन की योग तपस्या भट्टी का शुभारम्भ
 
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी  ज्ञान मानसरोवर के तपस्या धाम में 108 दिन की योग तपस्या भट्टी  का आयोजन किया गया। लेकिन इस योग तपस्या भट्टी की यह विशेषता रही इसका उद्धाटन राजयोगिनी सरला दीदी जी, राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी एवं ORC निवासियों  की उपस्थिति में उनके  हस्त कमलों के द्वारा दीप जलाकर एवं कुछ समय तपस्या करके किया गया। इस योग तपस्या भट्टी में ORC निवासियों  के  लगभग 50 भाई बहनों ने भाग लिया। इसके साथ – साथ उन्होंने 2 दिवसीय योग तपस्या भट्टी में भी भाग लिया ।

108 दिन की योग तपस्या योग भट्टी प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से लेकर शाम 6  बजे तक चलती है।इस योग तपस्या भट्टी में पानीपत सर्कल के सर्व सेवाकेंद्र एवं उप सेवाकेंद्र की सभी टीचर्स बहनें तथा  गीता पाठशाला के सभी भाई एवं बहनें भाग लेते है।

इस अवसर पर राजयोगीनी सरला दीदी जी ने अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि  संगमयुग पर तपस्या करना बहुत बड़े भाग्य की बात है और इस  योग तपस्या भट्टी में हरेक ब्राह्मण बच्चा बड़े ही उमंग उत्साह के साथ भाग लेता है । राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी, ने भी अपनी शुभ कामनायें देते हुए कहा कि पिछलें 6  वर्षो से ज्ञान मानसरोवर में तपस्याधाम का निर्माण हुआ है तब से हर वर्ष 108 दिन की योग तपस्या भट्टी का आयोजन किया जाता है और इस तपस्या भट्टी  में हर ब्राह्मण बच्चा बड़ी खुशी से भाग लेता है इस योग तपस्या भट्टी में पानीपत सर्कल की 108 गीता पाठशाला को चुना गया है और प्रतिदिन एक गीता पाठशाला आती है और तपस्या भट्टी करके जाती है। इस अवसर बी.के. सुनैना बहन,  वीरेष्ट राजयोगा टीचर, ORC ने भी सभी ORC निवासियों की और से शुभकामनायें देते हुए कहा कि हमारा बहुत बड़ा भाग्य है की हम इस 108 दिन की योग  तपस्या  तपस्या भट्टी के उद्धाटन सत्र  में भाग ले रहे है.

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शिक्षाविद सम्मलेन में एवं 100 विशिष्ट शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।

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ब्रह्माकुमारीज़ ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में  राष्ट्रीय शिक्षक दिवस  के उपलक्ष्य में  शिक्षाविद सम्मलेन का आयोजन किया गया । इस सम्मलेन में पानीपत के सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के लगभग 1100 से अधिक टीचर्स ने भाग लिया।
इस सम्मलेन की शोभा बढ़ाने क्र लिए मुख्य रूप से  भ्राता श्री रणबीर गंगवा लोक निर्माण विभाग मंत्री,  हरियाणा सरकार,  श्री राकेश बुरा,  जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत,  बीके सुमन दीदी, नेशनल कोऑर्डिनेटर, एजुकेशन विंग, हरपाल ढांडा प्रसिद्ध समाजसेवी,  भ्राता सतबीर वर्मा, पूर्व चेयरमैन,  एवं खंड  शिक्षा अधिकारी, पानीपत भी पधारें। राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी एवं सभी मंचासीन ने मिलकर दीप  प्रज्वलित कर विधिवत तरीके से इस सम्मेलन का शुभारंभ किया।

             कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं और उनके बिना समाज की प्रगति अधूरी है। अगर अध्यापक चरित्रवान है तो उसके विद्यार्थी भी चरित्रवान और महान बनते हैं। आज मुझे बहुत ख़ुशी है ब्रह्माकुमारीज़ के और से  चरित्रवान और महान अध्यापकों का सम्मान किया जा रहा है।

कार्यक्रम में बीके सुमन दीदी, नेशनल कोऑर्डिनेटर, एजुकेशन विंग ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि शिक्षा केवल जानकारी नहीं, बल्कि जीवन को मूल्यनिष्ठ और उज्ज्वल बनाने का माध्यम है। शिक्षक ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की धुरी हैं। इसलिए हमें मूल्यवान  बनकर  बच्चों को भी मूल्यवान बनाना है।

राकेश बुरा, जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन की दिशा बदल सकता है और उनके अंदर मानवीय मूल्य विकसित कर सकता है।

बीके भारत भूषण, निदेशक, ज्ञान मानसरोवर,  पानीपत,  ने कहा कि आज के समय में शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं बल्कि चरित्र निर्माण होना चाहिए। निस्वार्थ भाव, एकाग्रता, शांत, ढृढ़ता, धैर्यता आदि जैसे गुणों से सम्पन होना चाहिए ।  एक अध्यापक अनेक गुणों से सम्पन  होता तभी वह समाज के नवनिर्माण में अहम् भूमिका निभा सकता है।

राजयोगिनी सरला दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि जब शिक्षा आध्यात्मिकता से जुड़ती है तो वह जीवन में शांति और समृद्धि लाती है। इसलिए हमें आध्यात्मिकता से जुड़ना चाहिए। इस अवसर स्वामी संत त्यागी, कटनी ने सभी अध्यापकों को अपने शुभकामनाओं द्वारा आशीर्वचन भी दिए एवं इस कार्यक्रम का    शंखनाथ करके इस सम्मलेन शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में 100 से अधिक विशिष्ट अध्यापकों को श्री रणबीर गंगवा, लोक निर्माण विभाग मंत्री,  हरियाणा सरकार, राजयोगिनी सरला दीदी जी एवं भ्राता भारत भूषण जी के कर कमलों से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं  ईश्वरीय सौगात भी दी गयी। तत पश्चात सभी ने ब्रह्मा भोजन भी स्वीकार किया। मंच का संचालन बीके ज्योति बहन ने किया। भ्राता अविनाश गायक, नागपुर ने अपनी सुरीली आवाज से सभी अध्यापकों का स्वागत किया साथ साथ स्वामी गुरु ब्रह्मानंद के स्कूल के बच्चों  ने अपने नृत्य से माननीय  मंत्री एवं सभी अध्यापकों का स्वागत किया।

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पानीपत सर्कल की और से 500 यूनिट रक्त दान किया गया

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दादी प्रकाशमणि जी पुण्य स्मृति दिवस पर पानीपत सर्कल में 11 स्थानों पर रक्तदान शिविर लगाया गये । सब से प्रथम ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर में रक्त दान शिविर  का उद्घाटन किया गया।  इस रक्त दान शिविर का  उद्घाटन भ्राता मुकेश शर्मा, सीनियर जनरल मैनेजर, इंडियन सिंथेटिक रबर लिमिटेड, ड्रॉक्टर पूजा, रक्तदान कैंप इंचार्ज, रेड क्रॉस ब्लड सेंटर, पानीपत एवं भ्राता भारत भूषण, डायरेक्टर, ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर, पानीपत ने  दीप प्रज्वलन कर किया।  इस रक्त दान की विशेषता रही  कि 65 वर्ष के भ्राता भारत भूषण ने भी रक्त दान किया एवं  पानीपत रिफाइनरी के 15 अधिकारियो ने भी रक्त दान किया ।
पिल्लुखेड़ा में भी रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसमे पिल्लुखेड़ा शहर के 15 से अधिक विशिष्ट व्यक्तियों ने इस रक्त दान शिविर में पधारें एवं उन्होंने भी रक्त दान किया।

समालखा में भी रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसका उद्घाटन भ्राता नरेंद्र, DSP, समालखा ने किया एवं रक्त दान भी किया।

सफीदों में भी रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसका उद्घाटन भ्राता राम कुमार, MLA सफीदों  ने किया।

मडलौडा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसका उद्घाटन भ्राता महेंद्र पवार, कार्यकर्ता BJP मडलौडा  ने किया।

शामली सेवाकेंद्र पर भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसका उद्घाटन भ्राता अरविन्द  सिंगल चेयरमैन, शामली ने किया ने किया।

सोनीपत शिव कॉलोनी में भी रक्त  दान शिविर का आयोजन किया गया।  जिसका उद्घाटन भ्राता नरेंद्र बुटानी, समाजसेवी ने किया।

बापौली सेवाकेंद्र  रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन  बोपली सरपंच ने किया।

इसके अलावा पानीपत सर्कल के अन्य स्थानों पर रक्त दान शिविरों का आयोजन किया गया जैसे कि  बिजनौर, चांदपुर, शुक्रताल, जॉनसठ  आदि।

 

1. भ्राता मुकेश शर्मा, सीनियर जनरल मैनेजर, इंडियन सिंथेटिक रबर लिमिटेड, डॉक्टर पूजा, रक्त दान कैंप इंचार्ज, रेड क्रॉस ब्लड सेंटर, पानीपत एवं भ्राता भारत भूषण, डायरेक्टर, ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर, पानीपत  दीप जलाकर रक्त दान शिविर का  उद्घाटन करते हुए।

2. पानीपत रिफाइनरी के 15 अधिकारियों ने भी ज्ञान मानसरोवर में रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए।

3. भ्राता भारत भूषण जी भी रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए।

4.पिल्लुखेड़ा  शहर के 15 से अधिक विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा  रक्त दान शिविर में पधारें एवं उन्होंने भी रक्त दान किया।

5. समालखा में भ्राता नरेंद्र, DSP, समालखा, द्वारा रक्तदान शिविर का  उद्घाटन करते हुए।

6. समालखा में भ्राता नरेंद्र, DSP, समालखा, ने भी  रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हए।

7. सफीदों में भ्राता राम कुमार गौतम, MLA द्वारा रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए।

8. सफीदों में रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए भाई।

9 मडलौडा सेवाकेंद्र पर रक्तदान करने के पश्चात सर्टिफिकेट देते हुए बी के सुमन बहन।

10. शामली सेवाकेंद्र पर भ्राता अरविन्द सिंगल, चेयरमैन शामली  द्वारा रक्त दान शिविर का उद्घाटन करते हुए।

11. सोनीपत शिव कॉलोनी में भ्राता नरेंद्र बुटानी, समाजसेवी द्वारा रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए।

 

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बीके संतोष दीदी जी, रशिया के शुभआगमन पर नवरात्रों का कार्यक्रम संपन्न

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पानीपत के ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में आदरणीया संतोष दीदी, रशिया  के पहुंचने  पर नवरात्रों के महत्व पर आध्यात्मिक  कार्यक्रम किया गया।  जिसमें पानीपत सर्कल के सभी टीचर्स बहनों एवं  500 से अधिक भाई बहनों ने भाग लिया।
                   आदरणीया संतोष दीदी जी इस सुअवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन दिनों में दुनिया में देवियों के बहुत पूजा होती है। विशेष देवियो की पूजा और आराधना करते है।  इस सभा जो भी बैठें है हम सब देव और देविया है हमें सब की पलना और मनोकामनाये पूर्ण  करनी है।  हमें सब का कैनेक्शन परमपिता से जोड़ने के निमित्त बनना है। यह नवरात्रे हम सब का यादगार है।
राजयोगिनी सरला दीदी जी ने अपनी शुभकामनाये देते हुए है कहा कि भारत देश महान देश है जो इस देश में देव ओर देवियों की पूजा होती है हमें भी श्रेष्ठ कर्म कर करने है और अपने जीवन दिव्य गुणों को धारण करना है।
भ्राता भारत भूषण जी ने भी इस अवसर पर अपनी  शुभकामनाये देते हुए है कि ब्रह्माकुमारीज़ में जो राजयोग सिखाया जाता है रशिया के लोग भी राजयोग का अभ्यास करते है शुद्ध शाकाहारी भोजन करते है।  बहुत से रशिया के भाई  बहनो ने भारतीय संस्कृति को अपने जीवन में अपनाया है और सब के निमित्त बाबा ने आदरणीया संतोष दीदी जी को बनाया है।  साथ साथ आदरणीया संतोष दीदी जी के आगमन पर योग तपस्या भट्टी का भी आयोजन किया गया। आदरणीया  संतोष दीदी जी ने सभी को ज्ञान योग से भरपूर किया किया और साथ में रशिया के सेवाओं से भी अवगत कराया। कुमारी परी ने अपने नृत्य द्वारा सभी का स्वागत किया।  कार्यक्रम का कुशल संचालन बी के  दिव्या बहन ने किया।
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