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​​Seminar for Jurists at Gyan Mansarovar Academy-Panipat (HR)

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Seminar for Jurists has been organized on 17th Dec. 2017 at 11:00 a.m. to 1:00 p.m. at Gyan Mansarovar Academy on the Theme- Spiritual Awareness for Jurists.
Honorable Justice A.N. Jindal, Judge Punjab & Haryana High Court (Retd.) & Chairman of Punjab VAT participated as Chief Guest. Justice Jindal ji explained that Rajyoga Mediation is the only solution to all the problems in the world. He inspired to use Spirituality for moral awakening in Judiciary.
Mr. Mohit Aggarwal, Chief Judicial Magistrate, Panipat participated as Guest of Honour. He explained that he is visiting village to village in Panipat Dist. for Social Development & he appreciated Brahma Kumaris Activities .
Bk Kavita Behen, L.L.B. Senior Rajyoga Teacher, Chandigarh explained the Importance of Spiritual Awareness in Judicial Practices.
Bk Bharat Bhushan, Director, Gyan Mansarovar Academy explained the meaning of JURIST. J- Joyfully living the Life U- Universal Brotherhood R- Responsibility I- Introvertness S- Selfless Service T- Tolerance.
Rajyogini Sarla Didi ji, Circle Incharge Panipat also expressed good wishes by presenting Blessings.
More than 100 Jurists including Advocates, Charter Accountants participated in this seminar.

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Grand Sant Sammelan in Gyan Mansarovar

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पानीपत ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर के दादी चंद्रमणि यूनिवर्सल पीस ऑडिटोरियम में विराट संत सम्मलेन का आयोजन किया गया।  इस संत सम्मेलन में  भिन्न भिन्न  स्थानों से  महामंडलेश्वर एवं  संतों ने भाग लिया।  इस विराट संत सम्मलेन की शोभा बढ़ाने के लिए  मुख्य रूप से  आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी, सहारनपुर,   महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी, अंबाला कैंट,   आचार्य परमानंद जी  मध्य प्रदेश,  डॉक्टर प्रकाश मिश्रा,  कुरुक्षेत्र से पधारे। साथ – साथ  राजयोगी रामनाथ भाई जी  धार्मिक विंग के हडक्वार्टर कोऑर्डिनेटर माउंट आबू से  पधारे।  संत सम्मलेन में  पानीपत एवं अन्य  शहरों के  800 से अधिक भाई बहनों ने भाग लिए।
      सभी  महामंडलेश्वरो को  एवं संतों को  बहनों ने  बैज लगाकर एवं गुलदस्तें देकर सम्मानित किया। राजयोगी रामनाथ भाई जी राजयोगी भ्राता भारत भूषण, राजयोगिनी सरला दीदी एवं सभी  महामंडलेश्वरो एवं संतों ने मिलकर  दीप प्रज्वलन कर इस संत सम्मलेन  का शुभारम्भ किया।

      आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर सहारनपुर ने अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि धर्म ही हमारी राष्ट्र की नीवं है।  धर्म हमें आपस में लड़ना नहीं सिखाता अपितु हमें आपस में प्यार से मिलजुलकर रहना सिखाता है। ब्रह्माकुमारीज़ में मैंने देखा है कैसे उनका सब के लिए रूहानी प्यार है इनके नैनों से चेहरे से परमात्म प्यार की अनुभूति होती है।

महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी अंबाला कैंट अपनी  शुभकामनायें देते हुए कहा कि अध्यात्म का अर्थ होता है आत्मा का अधिकारी हो जाना। आज मनुष्य के पास ज्ञान तो बहुत है लेकिन आवश्यकता है उसे जीवन में धारण कर स्वरूप में लेन की।
आचार्य परमानंद जी  मध्य प्रदेश, ने अपनी  शुभकामनायें देते हुए कहा कि गंगा स्नान करने से आत्मा पवन नहीं होती है आत्मा पावन तो परमात्मा की याद से होती है।  परमात्मा पारस की तरह है जब आत्मा परमात्मा के संग में रहती है तो वह भी सच्चा सोना बन जाती है।

राजयोगी रामनाथ भाई जी माउंट आबू अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि आज का मनुष्यों के दुखो का कारण अज्ञान है सारी दुनिया अज्ञानता की नींद में सोया हुई  है। लेकिन जब मनुष्य स्वयं एवं अपने परमपिता परमात्मा को जान जाते है तो उसके सरे दुःख दर्द समाप्त हो जाते है।

राजयोगी बी. के. भारत भूषण, निर्देशक, ज्ञान मानसरोवर ने कहा कि परमात्म शक्ति का अनुभव करने के लिए पहले आत्मिक शक्ति का अनभुव करना है।  तो स्वयं को  पहचाने, आत्मा का अनुभव करे तब स्वतः परमात्म  शक्ति का अनुभव होगा।

राजयोगिनी बी. के. सरला, सर्कल इंचार्ज , पानीपत  ने परमात्म शक्ति का अनुभव करने के लिए राजयोग का अभ्यास कराया।  बी. के. शिवानी बहन , पानीपत ने कुशल मंच का संचालन किया।  मंच पर डॉक्टर प्रकाश मिश्रा,  कुरुक्षेत्र से एवं बी के सुरेश बहन, बिजनौर उपस्थित रहे।  कार्यक्रम में सभी का धन्यवाद बी के जगपाल, बिजनौर ने किया।

 

1.विराट संत सम्मेलन का दीप प्रज्वलन कर  शुभारम्भ करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी,  महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी, आचार्य परमानंद जी,  डॉक्टर प्रकाश मिश्रा,  राजयोगी रामनाथ भाई जी,  राजयोगिनी सरला दीदी जी, भ्राता भारत भूषण जी एवं अन्य।

2.विराट संत सम्मेलन में मंच पर उपस्थित आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी,  महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी, आचार्य परमानंद जी,   डॉक्टर प्रकाश मिश्रा,  राजयोगी रामनाथ भाई जी,  राजयोगिनी सरला दीदी जी, भ्राता भारत भूषण जी एवं अन्य।

3.विराट संत सम्मेलन  में अपनी शुभकामनायें देते हुए  आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी, सहारनपुर।

4.महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी, अंबाला कैंट, को तिलक लगते हुए एवं ईश्वरीय सौगात देते हए राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी रामनाथ भाई जी एवं भ्राता भारत भूषण जी।

5.आचार्य परमानंद जी  मध्य प्रदेश को ईश्वरीय सौगात देते हए राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी रामनाथ भाई जी एवं भ्राता भारत भूषण जी।
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6. डॉक्टर प्रकाश मिश्रा,  कुरुक्षेत्र को ईश्वरीय सौगात देते हए राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी रामनाथ भाई जी एवं भ्राता भारत भूषण जी।
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7.विराट संत सम्मेलन  में अपनी शुभकामनायें देते हुए राजयोगी रामनाथ भाई जी।

8.विराट संत सम्मेलन  में अपनी शुभकामनायें देते हुए राजयोगी भारत भूषण भाई जी।

9.आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी,  साहरनपुर को शॉल उड़ाकर सम्मानित करते हुए भ्राता          भारत भूषण जी एवं भ्राता रामनाथ भाई जी।

10. विराट संत सम्मेलन का लाभ  लेते हुए भाई बहने।
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अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर ज्ञान मानसरोवर रिट्रीट सेंटर में कार्यक्रम

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Panipat Gyan ManSarovar: पर्यावरण जागृति सप्ताह (2 जून से 9 जून)

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पानीपत के ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर के हिस्ट्री  हॉल में विश्व पर्यावरण दिवस पर विश्व  पर्यावरण जागृति समारोह का आयोजन किया गया।   जिसमें उनके भाई बहनों ने भाग लिया।  इस विश्व पर्यावरण दिवस की  की शोभा बढ़ाने के लिए करनाल, सेक्टर 9  सेवा केंद्र, संचालिका  निर्मल बहन एवं बी.के डॉ अवतार भाई सीनियर  साइंटिस्ट NDRI करनाल  ने भाग लिया।  भ्राता भारत भूषण जी एवं सभी मंचाशीन ने  मिलकर  दीप प्रज्वलित कर  विधिवत तरीके से  इस विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
                        विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए आदरणीय भ्राता  भारत भूषण जी नेशनल कोऑर्डिनेटर (साइंटिस्ट एंड इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट विंग) ने कहा कि विश्व की सभी समस्याएं जो शुरू होती है वह 4 P से शुरू होती है सबसे पहली P  है पॉवर्टी अर्थात गरीबी दूसरी  P है पॉल्यूशन अर्थात प्रदूषण तीसरी P  है पापुलेशन अर्थात जनसंख्या और चौथी P पावर हंगर अर्थात सत्ता की भूख।   तो यह सभी समस्याएं जो शुरू होती है  इतनी समस्याओं को समाप्त करने के लिए  P है  वोह है प्यूरिटी अर्थात पवित्र तो हमें अपने मन को पवित्र बना लेना है तो सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।  साथ साथ  वृक्ष लगाने की भी प्रेरणा दी कि ना  केवल लगाना है अपितु उसकी पालना कर उसे बड़े भी करना है।   और   विश्व  पर्यावरण जागृति समारोह को 1 सप्ताह मनाने की भी प्रेरणा दी और पंजाब जॉन की भिन्न भिन्न शहरों को चुना गया।
बीके डॉ  अवतार भाई स्टेट कोऑर्डिनेटर हरियाणा  (साइंटिस्ट एंड इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट विंग) ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का जो मनुष्य है प्रकृति से हटकर  साइंस के जो गैजेट्स  है जैसे  मोबाइल है फेसबुक है   व्हाट्सएप है और  यूट्यूब है इन  सब साधनों में  उलझ कर रह गया है  इसलिए उसका सम्बन्ध प्रकृति के साथ टूट गया है आवश्यकता है उसे इन चीजों से दूर रहे प्रकृति के साथ जोड़ने की जिससे हम पर्यावरण को बचा सके।
बीके निर्मल बहन  स्टेट  कोऑर्डिनेटर हरियाणा साइंटिस्ट एंड इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट विंग ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा पर्यावरण प्रदूषण का कारण है हमारे मन का प्रदूषण जिससे ही सारी समस्याएं  होती है सबसे पहले मन का प्रदूषण मिटने की आवश्यकता है  उसके लिए  मेडिटेशन की जरूरत है। जो की ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेन्द्रों पर निशुल्क सिखाया जाता है।
मंच का कुशल  संचालन बीके दिव्या बहन ने किया यह सब कार्यक्रम साइंटिस्ट एंड इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट विंग  के द्वारा आयोजित किए गए। कार्यक्रम में विश्व  पर्यावरण जागृति सप्ताह का लॉन्चिंग किया गया। यह पर्यावरण जागृति सप्ताह 2 जून से 9  जून तक मनाया गया । जिसमे पंजाब जॉन  के अनेक स्थानों में पर्यावरण सुरक्षा के कार्यक्रम किये गए।  
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